STORYMIRROR

प्रेम सूरज तुमसे मैं कोई और नहीं मूर्ती शाम से गुपचुप बातें यादें सुबह कायर मत बन इंसान तब अब अंबर में रोपण कर सतकर्म बजता रोमांस चाय अदरक वाली स्त्री विमर्श अख़बार

Hindi लेकिन अब हकीकत में मुमकिन नही... सुबह वाली चाय तोह मैं बन ही जाऊँगा Audios

द्वारा लिखित संदीप शर्मा, हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश

द्वारा वाचन RAMAN SHARMA